|| जय परशुराम ||

कुछ कार्य सामूहिक प्रयत्न से बिना आर्थिक सहयोग संभव हो जाते हैं. जैसे: जागृति लाना (जन जागरण), दहेज प्रथा निर्मूलन, व्यवसाय प्रसिक्षण, गोरक्षा इत्यादी.. परन्तु हमारे कई उद्द्येश्य आर्थिक सहयोग बिना संभव नहीं, जैसे: आरोग्य केंद्र की स्थापना, शिक्षा केंद्र की स्थापना, प्राकृतिक आपदा में सहयोग, असहायों के अत्यावश्यक कार्यों में आर्थिक मदद, विद्यार्थियों के लिए पठन सामग्रियों का सहयोग, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यों का आयोजन इत्यादि.
किसी व्यक्ति के ह्रदय में यदि सामाजिक सहयोग की भावना उत्पन्न होती है, तो वह व्यक्ति संभवतः आर्थिक अभाव में अपनी अंतरात्मा की नहीं सुन सकता. परन्तु अधिक संख्या में यदि थोड़ा - थोड़ा सहयोग दिया जाये तो कई बड़े सामाजिक कार्य संपन्न किये जा सकते हैं. तो आइये हम अपनी आय का कुछ अंश समाज एवं संस्कृति के उत्थान हेतु समर्पित करें. हो सकता है आपका दिया हुआ दान किसी को आरोग्य, भोजन, शिक्षा, विवाह अथवा अंतिम यात्रा में प्रतिभागी बने.
आर्थिक सहयोग करें
आप ब्राह्मण जनजागरण संस्था के बहुआयामी अभियान में सहयोग कर सकते हैं. आप सुरक्षित रूप से इन्टरनेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, वैलेट, UPI, Google Pay अथवा IMPS या NEFT-RTGS द्वारा सहयोग प्रेषित कर सकते हैं.
अनुदान हेतु नीचे दिए हुए सहयोग के तरीके का चयन करें > अनुदान की राशि हेतु उचित श्रेणी का चयन करें और अनुदान की प्रक्रिया पूरी करें.
गरीब महिलाओं के लिए साड़ी वितरण हेतु
ब्राह्मण जनजागरण संस्था दहेज़ प्रथा का निषेध करता है. और अत्यंत गरीब कन्याओं के परिणय संस्कार में सहयोग. परन्तु संस्था अपनी आर्थिक सीमाओं से बंधा होने की वजह से यथाशक्ति छोटे – छोटे सहयोग ही प्रदान करता है. यह अभियान बहुत बड़ा हो सकता है. जरुरत है तो आप जैसे महानुभाओं के अनुदान की.
सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं महाप्रसाद हेतु
ब्राह्मण जनजागरण संस्था समय – समय पर धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं महाप्रसाद का आयोजन करती है. जिसमें हजारों लोग इकठ्ठा होते हैं. सांस्कृतिक प्रवाह की अनुभूति करते हैं और महाप्रसाद ग्रहण करते हैं. और यह सब आप महानुभाओं के सहयोग से सिद्ध होता है. कृपया अनुदान करें.
विवाह संस्कार संपन्न करने हेतु अनुदान
ब्राह्मण जनजागरण संस्था दहेज़ प्रथा का निषेध करता है. और अत्यंत गरीब कन्याओं के परिणय संस्कार में सहयोग. परन्तु संस्था अपनी आर्थिक सीमाओं से बंधा होने की वजह से यथाशक्ति छोटे – छोटे सहयोग ही प्रदान करता है. यह अभियान बहुत बड़ा हो सकता है.
विद्यार्थियों के सहयोग हेतु अनुदान करें
विद्यार्थियों को पठनीय सामग्री देकर उनका सहयोग करें.हमारी छोटी सी कोशिश देश और समाज की दिशा बदल सकती है. आइए सहयोग का हाँथ बढाइये. इन नन्हें हाथों का संबल बनिए. शायद आपके सहयोग से किसी महापुरुष का अविर्भाव हो.